इर्ष्या और नफरत की आग में जलते
हुए इस संसार में खुशी और हंसी कैसे स्थाई हो सकती है?
अगर आप अँधेरे में डूबे हुए हैं,
तो आप रौशनी की तलाश क्यों नहीं करते।
अपने तन को स्वस्थ रखना भी एक कर्तव्य है,
अन्यथा आप अपनी मन और सोच को
अच्छा और साफ नही रख पाएंगे।
सबका मंगल हो 🙏🏻🕊️