अगर बात वेट लिफ्टिंग की है तो
इनका नाम है राम सिंह नेगी 5 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पर 200 कुंतल से भी ज्यादा वेट हर रोज ले जाते हैं
अद्भुत ताकत है इनके अंदर
हमारे उत्तराखंड में एक से एक शेर रहते हैं अगर जरूरत है तो उनको सिर्फ हाईलाइट करने की
🙏नमन है
ये उत्तराखंड के फल है , मज़ेदार बात ये है कि 90% फल प्रकृति की देन है जिन्हें उगाया नही जाता जंगल मे होते है , ओर उस से मज़ेदार बात ये की 90% बाजार मे नही मिलते , अपने कौन कौन से खाये है
काफ�� का सीजन है सड़क किनारे मिले तो छोड़ने का नही 🥰🙏🤗
सरस्वती नदी का आपने केवल नाम सुना होगा फ़िरेन्ड्स देखी नहीं होगी इस आज दर्शन कीजियेगा.... माणा बद्रीनाथ.. इतनी ही दिखती हैं फिर पता नहीं कहाँ समा जाती हैं, अद्भुत, अलौकिक दर्शन हैं ये माँ सरस्वती का 🙏🏻
इन चर्च वालों का क्या काम है, मंदिरों मै
इन लोगो को कोई.. दो रेपटा देना वाले कोई नहीं थे क्या इन पब्लिक मै केदारनाथ जाकर ऐसे reel बना रहे .कुछ अज्ञानी लोग मंदिरो मै दर्शन के लिये नहीं reel बनाने के लिये जा रहे है
इसे असमाजिक लोगों को रोकना होगा नहीं तो त्रिनेत्रधारी भस्म करेगा
इसे लाया हूँ.... बड़ी मेहनत से जंगल से सुबह 7 बजे गया था और अब आया हूँ घर बड़ी मेहनत करनी पड़ती भाई ऐसी चीजों को खाने के लिये
और मुझे ये बहुत पसंद है, क्या पता है क्या है ये?
सिर्फ़ अपने उत्तराखंड में पाया जाता है इसको बोने की ज़रूरत भी नहीं पड़ती अपनेआप उग जाता है सब्ज़ी में जीरे की जगह डालते है और सब्ज़ी का स्वाद दोगुना हो जाता है
अगर किसी को नाम पता हो तो बताओ..?
एक औऱ नोटंकी जब पहले से शादीशुदा हो तो सिर्फ वीडियो औऱ चंद लाइक के लिये इस तरह की नोटंकी क्यो करना । बाबा सब कुछ देख रहे हैं कम से कम बाबा से तो डरो इस तरह का दिखावा मत करो 🙏
ग्राम समूह भोज... क्या मजा आता है 😊
आज भी, मै सब्जी, सलाद, पानी, पापड़ देने वाला रहता हूँ भाई साब ऐसी फिलिंग आती है की पूछो मत लेकिन मै थोड़ा ज्यादा भी दे देता हूँ देख कर क़ोई हाथ भी मार देता है.. यें पहाड़ो की बात है जनाब इस तरह के भोज मै इतनी खुश्बू आपके 5स्टार कुछ भी नहीं ❣️
एक ऐसा स्थान जहाँ भगवान शिव और माँ
पार्वती का विवाह हुआ था 🙏🙏
इस स्थान पर विष्णु द्वारा देव��� पार्वती के शिव से
विवाह के स्थल के रूप में श्रेय दिया जाता है
त्रियुगी नारायणमंदिर, रुद्रप्रयाग उत्तराखंड 🙏
#हर_हर_महादेव 🙏🚩
सबसे शुद्ध पानी है ये ,जब लोग पीते थे तो 100 साल जीते थे और आज बिसलेरी का पानी पी कर शुद्ध जल हो गया , जी हां उत्तराखंड में ये पानी का स्त्रोत प्रकृति द्वारा दिया गया सबसे उत्तम उपहार है । स्थानीय भाषा में इसे "धारा, नोला"पंधेरा,भी कहते हैं,
-15 डिग्री तापमान समय तृतीय प्रहर रात्रि 3:00 बजे केदारनाथ धाम में हो रही बर्फबारी के बीच परमपिता शिव की आराधना में लीन साधु जन जी के दुर्लभ दर्शन है.. इस का नाम है भक्ति जहाँ भक्ति वहाँ शक्ति और जहाँ शक्ति वहाँ शिव भोले भंडारी
*_🕉️🔱 हर हर महादेव 🙏🚩_
यह है असली उत्तराखंड अम्बेसडर ❤❤❤
देहरादून से पिथौरागढ़ जा रही थी बस...
उत्तराखंड रोडवेज के ड्राइवर ( बसंत बलभ जोशी ) ने बचाई 42 लोगों की जान...आधे घंटे तक ब्रेक फेल थी बस ...नीचे थी खाई और फिर अपनी सूझ बूझ और समझदारी से बचाई लोगो की जान ।।
उत्तराखंड आपका हेमशा आभारी है 🙏
दुःखद है, की मुझे ऐसे अनगिनत घर देखने को मिलते है और सोचता हुँ, आखिर इन घरों में जन्म लेने वालों ने इन्हें अपने हाल पर क्यों छोड़ा होगा...माना की उतनी सुख सुविधायें नहीं थी पहाड़ो में लेकिन चंद सुख सुविधा के लिये इन्हे छोड़ दिया गया और आज यें उनका रास्ता देख रहे है 😥😢
#गोबर से लिपे फर्श बेच दिये, तब टाईल्स में चमक आई है। देहरी से गौ माता बेची, अब कुत्ते संग भी रात बिताई है | ब्लड प्रेशर, शुगर ने तो अब, हर #घर में ली अंगड़ाई है। दादी नानी की कहानियां हुईं झूठी, वेब सीरीज ने जगह बनाई है।
ब्रह्म कमल
ऐसे ब्रह्म कमल का फूल अगस्त महीने में खिलता है, लेकिन इस बार फूलों की घाटी में जुलाई के आखिरी सप्ताह में ही ब्रह्म कमल खिल चुका है. इसकी खुशबू पूरी घाटी में फैल रही है.मान्यता है कि इस फूल के खिलने पर भगवान विष्णु की शैय्या की आकृति इस पर दिखाई देती है.
ये जो पानी में लकड़ियां नजर आ रही है ये आज की पीढ़ी के लिए एक नई बात भले ही हो लेकिन 25-30 साल से ऊपर के लोगों की यादें इसे देख के यकीनन ताज़ा हो जाएगी।
वियुल की टहनियों से जानवरों के लिए चारा(पत्तियां) निकालने के बाद ये बलैठ से छाल निकाला जाता था.../
पिण्डार नदी (Pindar River) भारत के उत्तराखण्ड राज्य में बहने वाली एक हिमालयाई नदी है। यह अलकनन्दा नदी की एक मुख्य उपनदी है इस नदी का मुख कर्णप्रयाग में है, जहाँ इसका संगम अलकनन्दा नदी से होता है।ये पिंडर नदी का दृश्य है बाकी में ज्यादा नही बोलूंगा
V Credit by
@amitonlyandonly
एक तो #मौसम की खुमारी
ऊपर से पहाड़ी #ककड़ी
(क��खड़ी ) की #सुरवाती और ये हम
( पिस्यूँ नूण ) लगा के खाती
बहुत टेस्टी टेस्टी होती... रै बाबा तुम क्या जानती 😊 👉
@voice_4uk
पहाड़ का एक लोकप्रिय अनाज- अब ढूंढ़ने पर भी नहीं मिलता-नाम बताएं आपके यहाँ क्या कहते हैं इसे 😍😍हर जगह नाम बदल जाते हैं यह बहुत घनघोर विशेषता है अपने उत्तराखंड की, अपने पहाड़ की 🥰
ये क्या आपको पता है, किसलिये
ऐसा रखते है... मुझे लगता है शायद पहाड़ के ही लोगों को पता हो..... औरों को भी हो सकता है हालांकि मुझे दुबिधा है.. बताइये तो 😊
न चूल्हा न लकड़ी न कंडा न रोटी का सोंधापन....
बर्गर, पिज्जा, मेमोज, होटल के खाने का शेष बचा औंधापन....
यानी जीवन का आनंद खो गया प्रगतिशीलता की जुगाली में....
भोजन का रस नीरस हो गया सुरा सुंदरी फैशन की नाली में....
न दूध, न दही, न घी जी सके तो जी....
हम पहाड़ी हैं, हमारा पहाड़ी चूल्हा गोबर और मिट्टी के लेप से बना होता है,
यहाँ सर्दियों में ठंड बहुत ज्यादा होती है इसलिए ये चूल्हा भोजन बनाने के अलावा आग सेकने के काम भी आता है,
भोजन तो इस आग के चूल्हे में स्वादिष्ट बनता ही है,
ॐ नमः शिवाय 🙏
बाबा के भक्तों की आस्था की कोई सीमा नहीं है.. मंदिर के पीछे ना जाने ऐसे कितने छोटे छोटे पत्थरों की ढेर हैं, जो भक्तजन यहाँ आते हैं तो अपने पूरे परिवार में सदस्यों की संख्या के हिसाब /
पहाड़ी कुत्तों का शांत स्वभाव बड़ा आश्चर्य चकित करने वाला होता है
ये मेरे साथ सुबह ही सैर पर निकलते है
अगर ज्यादा भोंकने लगा तो चुप चुप बोलो और शांत बैठकर गुस्से मैं मुझे देखता है लेकिन सफऱ का राही है, अगर आपके साथ कुत्ता है तो आप भयंकर जंगल मैं भी अकेले जा सकते है 🐕