भारत के पढ़े लिखे लोग भी निजी करण को बहुत हल्के में ले रहे हैं निजी करण एक गुलामी का पेंच है जो धीरे-धीरे सब का गला घोट देगा वह दिन दूर नहीं जब इतिहास में पढ़ाया जाएगा भारत की आखिरी सरकारी ट्रेन आखरी सरकारी बस आखरी बिजली कंपनी आखरी सरकारी हवाई जहाज आखरी सरकारी स्कूल कब तक रहे