सुनने में आ रहा है कि चित्रा त्रिपाठी नामकी एक न्यूज़ एंकर ने एक दाढ़ी वाले मीठे मुफ्तखोर आंदोलनजीवी को रेल दिया है जो मुफ्त का माल खाने हर जगह पहुंच जाता है । पार्टी बदल बदल के।
मैं इसकी कड़ी न���ंदा करता हूं😂
जब ए आर रहमान जैसा कन्वर्टेड बुल्ला भी जिसे दुनिया बड़ा कलाकार मानती है, केरला स्टोरी पर तंज कसने निकल पड़ा तो समझ जाओ चोट कितनी गहरी लग रही है।
अंत में पृथ्वी गोल ही है। दीनी दीनी भाई भाई ही हैं।
इतने सारे कैमरों के बीच ये लाइव करना आसान नहीं था।
सारे शॉट एकदम सही निशाने पर लगाये।
अब कोई जल्द इंटेंट पर सवाल नहीं उठाएगा।
कल रात जो हुआ शानदार हुआ।
उत्तर प्रदेश के मुखिया पर हमें गर्व है।
सबके मुंह बंद कर दिए
विरोधियों में दहशत फैला दी
56 गेंदों में 74 रन
के एल राहुल 👍
मैं 40 प्लस हूं। फील्ड में नौकरी की है। कई इंटरव्यू दिए हैं।जॉब स्विच किए हैं।कई बरसाते देखी हैं और फील्ड में बहुत रहा हूं।कई नुकसान भी उठाए हैं और गलतियां भी की हैं।इसलिए कभी कभी
बहुत खराब लगता है जब नए लड़कों को अपने जॉब को हल्के में लेता देखता हूं।
कुछ बताने का मन है।
अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद और सलमान खुर्शीद जैसे सांसद बनने के बाद भी वकालत से नोट छापते रहे। मुरली मनोहर जोशी जैसे लोग टीचर रहे। कई फिल्म स्टार सांसद होने के साथ फिल्मों से पैसा बनाते रहे ।
फिर गौतम गम्भीर के सांसद होने पर क्रिकेट से पैसा कमाने पर दिक्कत है भाई?
भाजपा के आई टी सेलियों की समझ बस इतनी है कि अगर जीत जाएं तो मुस्लिमों दलितों और ओबीसी को धन्यवाद दे देंगे।
और हार जाएं तो ब्राह्मण और ठाकुरों को गाली देने लगेंगे।
ये फिलहाल मेरी आखिरी राजनीति से जुड़ी पोस्ट है और अब जल्द राजनीतिक पोस्ट नहीं करूंगा जल्द।
लेकिन कुछ कहके ही जाऊंगा।
शुरू करते हैं।
भाजपा 2014 के बाद पहली बार 270 सीटों से कम रही अपने दम पर।
नेता वही मोदी थे और जनता भी वोही।
अंतर केवल यूपी की सीटों से पड़ा वर्ना पूर्ण बहुमत था।
हरिद्वार से कोई संबंध नहीं इस बात का।
खेल जगत में सचिन और धोनी की इतनी कद्र क्यों है? सीरियस रहते हैं बकवास नहीं करते।
पीवी सिंधू और साइना नेहवाल कभी हद से आगे बढ़ती नहीं दिखीं और मैरीकॉम ने कभी शालीनता का स्तर नहीं पार किया। मल्लेश्वरी की इमेज है और आनंद बकवास करते नहीं दिखे।
कोहली फैंस को कम से कम सुनील गावस्कर को तो ज्ञान नहीं ही देना चाहिए।
जब टीम इंडिया के बल्लेबाज वेस्टइंडीज के तूफानी तेज गेंदबाजों के सामने चोट खाकर अस्पताल पहुंच जाते थे तब अगले ने एक सीरीज में सबसे ज्यादा रन का जो रिकॉर्ड बनाया अब तक कोई भारतीय तोड़ न पाया।
रिटायर तब हुआ जब
सचिन तेंदुलकर के पहले सीरीज में खेले एक मैच की धुंधली सी याद है
अब्दुल कादिर के एक ओवर में 4 छक्के और एक चौका मारा था।
पेशावर में प्रदर्शनी मैच था।
अब्दुल कादिर लीजेंड लेग स्पिनर थे। पाकिस्तान के।
सचिन कल के लौंडे।
सोलह साल के।
मेरा पूरा मोहल्ला सड़कों पर निकल आया था उस शाम।
दक्षिण पंथी होने के बावजूद मैं कोई भाजपा का कार्यकर्ता या नेता नहीं हूं जो मुझे भाजपा की कर्नाटक हार से दुखी होऊं।
जहां मैं रहता हूं,वहां के भी भाजपा विधायक और सांसद भी मेरे काम नहीं आते।
मोदी के नाम को कब तक भुनाएंगे ये भाजपाई।
ग्राउंड पर इनके एमएलए कुछ काम करते हैं क्या?
हां
तो अग्निवीर बहुत अच्छी योजना है।
सरकारी नौकरियों में पेपर लीक की कोई बड़ी बात नहीं।
सांड तो फसलों का नुकसान करते ही रहते हैं। एक आध इंसानी जानें चली भी जाएं तो कोई बात नहीं।
हम यूपी में 70 सीटें जीतेंगे।
😂😂😂😂
जिनको न पता हो बता दूं,भारत में कुश्ती की सीनियर एशियन चैंपियनशिप 28 मार्च से 2 अप्रैल 2023 को दिल्ली में होनी थी जो इस वजह से 9 अप्रैल से 15 अप्रैल तक कजाकिस्तान में करवाई गई क्योंकि
विनेश फोगट ने संयुक्त विश्व कुश्ती संघ से पत्र लिख कर कहा था,भारत में महिलाएं सुरक्षित नहीं।
रिंकू सिंह के पिताजी एक सिलेंडर होकर थे।
लगभग चपरासी का काम कर चुका है परिवार चलाने को।
इसके कागज़ यूपीसीए के लोगों ने गायब करवा दिए थे कि खेल न पाए।
सवर्ण है।
मंडल नहीं लिखेगा ये सब
सोचा मैं ही बताता चलूं।
लॉर्ड रिंकू सिंह
डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष अब कोई भी बने,फोगट परिवार से जुड़े किसी भी पहलवान पर कभी विश्वास नहीं किया जायेगा। जो पुराने हैं, कटिंग होगी, नए की एंट्री मुश्किल होगी।
बजरंग पुनिया, विनेश फोगट, साक्षी मलिक को करियर बचाने को काफी पापड़ बेलने पड़ेंगे, जनता में अविश्वसनीय हो गए,
आगे
ऑफ़ स्पिन एक ऐसी विधा है जिसमें गेंदबाजी करना लोगों को सरल लगता है और ऑफ़ स्पिन का सामना करना भी बल्लेबाज लेग स्पिन या लेफ्ट आर्म स्पिन से ज्यादा आसान समझते हैं। एक ऑफ़ स्पिनर की गेंद आम तौर पर एक लेग स्पिनर से कम ही टर्न होती है।
ऑफ़ स्पिन और ऑफ़ ब्रेक में मामूली सा फर्क भी है
जिस दिन लाल किले पर खालिस्तानी झंडा टंगवा दिया था और उसके बाद भी कुछ न कर पाए थे, उसी दिन से इनकी कमजोरी भांप ली गई थी।
वरना एक सुरक्षा कर्मी की हिम्मत न होती ऐसे।
लव जिहाद की बात करते हैं और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ,वर्तमान उपमुख्यमंत्री की पत्नी सरकारी आवास में एक बुल्ले को बुला कर रील बनाती है।
भ्रष्टाचार हटाने की बात करते हैं और भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद पुलिस कमिश्नर के खिलाफ सारे केस विदड्रा कर लेते हैं।
भाजपा कमाल है
तुम्बाड फिल्म जब आई थी, बहुत कम स्क्रीन मिले थे।
एक लड़के ने मुझे बताया था कि उसे फिल्म देख कर इतना डर लगा था कि अकेले घर तक जाने में डर लगा था। विश्वास नहीं किया था उसका।
लॉकडाउन में घर पर टीवी में तुम्बाड देखी थी और स्तब्ध रह गया था।
बेहतरीन फिल्म है तुम्बाड
एक हार सिर्फ हार ही होती है और हार के अलावा कुछ नहीं होती।
एक के बजाय तीन टे���्ट का wtc फाइनल होने की बात हारने के बाद करना केवल बहाने बाजी दिखाता है।
अगर आपको wtc फाइनल जीतना इतना महत्वपूर्ण लगता होता तो आपकी पूरी टीम पिछ्ले एक महीने से रेड बॉल क्रिकेट खेल रही होती, आईपीएल नहीं
कल कुछ लड़कों ने कहा था कि इस विषय पर लिखो, तो आज मैं भारतीय क्रिकेट में इस समय हावी सट्टेबाजी एप पर कुछ लिखने की कोशिश कर रहा हूं।
बात शुरू मैं 1994 95 से करना चाहूंगा जब उत्तर प्रदेश में लॉटरी का कारोबार चरम पर था।
1 रुपए,2 रुपए,5 रुपए की लॉटरी आती थीं। और रोज का था ये।
6
19
2
0
49
23
9
30
25
117
38
43
ये अंतिम 13 पारियों के स्कोर थे वीरेंद्र सहवाग के जब उन्हें सन्यास लेने पर मजबूर होना पड़ा।
अब
कोहली पुजारा और रहाणे के पिछ्ले 40 पारियों के स्कोर उठा कर देखिए जरा
जहीर खान भी कम नहीं पर जवागल श्रीनाथ ने भारत के लिए 1992 से 2003 तक जो किया वो प्रशंसा योग्य है।
जब तक वो खेले, कभी उनके स्थान पर सवाल नहीं उठे।
सौरव गांगुली को झिड़कने,द्रविड़ पर गुस्सा होने और तेंदुलकर को आंखें दिखा सकने की औकात रखने वाले श्रीनाथ
मेरी तरफ से भारत के नंबर 1 पेसर
तारीख थी 13 सितंबर 1997 ।
जगह थी टोरंटो कनाडा ।
टीमें थी भारत पाकिस्तान।
और सीरीज का नाम था फ्रेंडशिप कप।
यूँ तो भारत और पाकिस्तान में उतनी ही फ्रेंडशिप हमेशा रही है जितनी फ्रेंडशिप सांप और नेवला या कुत्ते और बिल्ली में होती है।
जो टीम अपने सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज को उसकी बल्लेबाज़ी अच्छी न होने के कारण न खिलाये, जिस टीम का आईपीएल न खेलने वाला प्लेयर आईपीएल शॉट खेले और पिंच हिटर डिफेंस करे। जिस टीम के गेंदबाज टप्पा एक जगह न रख पाएं और कप्तान क्लूलेस दिखे , ईमानदारी से बताना, क्या वो टीम wtc जीतने लायक थी?
जब भी मैं क्लूजनर की 156 की स्पीड की बॉलिंग की बात करता हूं,कुछ बालक मुझे बताने तुरंत आते हैं कि वो इतना तेज नहीं थे।भाई मैंने उन सर्दियों में साउथ अफ्रीका सीरीज के सारे मैच रात में लाइव देखे थे,गूगल पर नहीं।
रॉबिन सिंह भारत के लिए क्या थे,ये आंकड़ों से आप नहीं समझ पाओगे।
लापता लेडीज भी चोरी की फिल्म निकल गई।
दूरदर्शन गोल्ड पर इस कहानी पर पहले से फिल्म ऑन एयर हो चुकी है।
आमिर खान जिस प्रोजेक्ट से जुड़े हों,उसमें ईमानदारी की गुंजाइश कम ही होती है।
अभी अभी पुलिस चौकी से लौटा हूं और कुछ बातें सीख कर लौटा हूं जो आपको बताना चाहता हूं।
आपको भी पता ही होंगी, पर आप इन बातों को तब तक सीरियसली नहीं लेते, जब तक आप खुद या आपका कोई प्रिय इन बातों के कारण किसी पचड़े में नहीं पड़ता ।
थ्रेड
वार्नर,राशिद,बैरिस्टो जैसे विदेशी नटराजन, भुवी जैसे देशी खिलाड़ियों को छोड़ कर जब आप उमरान मलिक और अब्दुल समद को रिटेन करेंगे तो आपका ये हाल होना गलत नहीं।
तेजी से विकेट मिलते तो एंडरसन और हेडली महान नहीं होते और टिल्लेबाजी बल्लेबाज़ी होती तो अफरीदी के 20 हजार इंटरनेशनल रन होते
रिजवान और बाबर अमेरिका में विश्वकप खेलने जाते हैं और उसी दौरान एक मस्जिद के धार्मिक इवेंट में भी जाते हैं अपने पहले मैच के पहले।
यहां के क्रिकेटरों को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने में मौत आ रही थी।
11 बिना छिले साबुत बाँस , 15 कंटीले खूंटे और 22 जोड़ी बरसाती जूते चप्पल।
ये सब राहुल द्रविड़ ने इकट्ठा कर रखे थे जब आईसीसी टी 20 विश्वकप 2022 के भारत पाकिस्तान लीग मुकाबले की रणनीतिक मीटिंग बुलाई थी।
किसी से कुछ कहा नहीं बस हर एक से बात करते हुए ये आइटम उठा कर बार बार देख लेते
राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा का टीम मैनेजमेंट इतना अच्छा है कि पिछ्ले कई सालों से टी 20 मैचों से बाहर रहे रविचंद्रन अश्विन टी20 विश्वकप खेलते हैं और पिछ्ले कई सालों से भारत के नंबर 1 गेंदबाज रहे अश्विन wtc का फाइनल नहीं खेलते हैं।
अब वक्त आ गया है कि द्रविड़ की काबिलियत पर बात हो
कपिल और सुनील गावस्कर जैसे हमारे बुजुर्ग खिलाड़ी गुटखा बेच रहे हैं और भविष्य के सुपरस्टार शुभमन गिल टिंडर के लिए मॉडलिंग कर रहे हैं।
धोनी कोहली और गांगुली ऑनलाइन क्रिकेट मैचों पर अपने रुपयों का दांव लगाने को युवाओं को प्रोत्साहित कर रहे हैं
अब क्रिकेट मैचों में मुजरा ही बाकी है
पहलवानों ने अपनी बेइज्जती को खुद ही आमंत्रित किया था और शायद उनको शह देने वाले चाहते भी थे कि ऐसा ही हो।
कल ही बाबा रामदेव इनके पक्ष में खुल कर बोले और आज कांड हो गया।
सब कुछ होने के बावजूद भी ये पहलवान हमारे खिलाड़ी हैं। राजनीति में पड़ने के बजाय इन्हें ट्रायल लड़ने चाहिये।
और आज की अंतिम और बहुत कड़वी बात।
नरेंद्र मोदी कोई अटलबिहारी वाजपेई या नरसिमहराव नहीं हैं जो थोड़ा दब कर गठबंधन सरकार चलाते जायें।
जीवन में पहली बार इनका ऐसा साबका पड़ा है।इनका व्यक्तित्व दूसरों पर हावी रहने वाला है।
मुझे साल भर में उपचुनाव या सत्ता परिवर्तन दिख रहा है
ये हरियाणा के जाट पहलवानों का सीधे सीधे कुश्ती संघ पर अपना दबदबा बना कर खुद को लाभ पहुंचाने की कोशिश है जो उत्तर प्रदेश के ब्रज भूषण सिंह के रहते हो नहीं पा रहा।अब तो खुल कर जातिवाद फैला रहे हैं।
महिला शोषण की बकवास कर रहे हैं और एक एफआईआर दर्ज नहीं कर रहे
कौन विश्वास करेगा इनका
जर्मनी में बैठा एक फर्जी आदमी यूट्यूब पर बता रहा है कि लव जिहाद कुछ नहीं है। केरल स्टोरी फर्जी है और कश्मीर फाइल्स प्रोपोगंडा है।
मुझे अभी तक ये समझ न आया कि इस चू@ती@ये के चैनल के इतने सब्सक्राइबर्स कैसे हैं?
भारत में लोग चिकनों को ज्यादा पसंद करते हैं क्या?
मैं उन लोगों को लिंग के अग्रभाग पर रखता हूं जो गिरिजा टिक्कू के साथ हुई बर्बरता, नीलकंठ गंजू के साथ हुई घटना और पति के खून से सनी बिरयानी खिलाने वाली घटना को प्रोपोगंडा बताते हैं।
प्रमोशन के लिए पार्किंग में खुदने वाले और दीन के संगी लोगों की इतनी औकात नहीं हुई।
पंजाब और बंगाल में अराजक तत्वों के हौसले बढ़ने की की मुख्य वजह ये है कि यहां भाजपा की केंद्र सरकार इतनी अराजकता होने के बाद भी राष्ट्रपति शासन बहाल करने का साहस न जुटा पाई।
भाजपा उससे ज्यादा सिख तुष्टिकरण करती है जितना सपा मुस्लिम तुष्टिकरण।
और बंगाल की हिंसा पर ये वोट चाहते हैं
राजनैतिक तौर पर आप नरेंद्र मोदी के निर्णयों से सहमत या असहमत हो सकते हैं,पर ये प्रमाणिक तथ्य है कि कूटनीतिक स्तर पर मोदी सरकार कमाल रही है।
रुस से सस्ते तेल को खरीद कर रिफाइन करवा कर यूरोप को वही तेल बेच कर राजकोष भरने के बारे में देशी मीडिया ने बताया ही नहीं विदेशियों ने बताया
युवाओं से एक अपील
किसी भी दल के समर्थक हों, कल शांति से रहें और घर कॉलेज या ऑफिस से बाहर किसी धरना प्रदर्शन को न निकलें, न ही मतगणना स्थल के आस पास दिखें
चाहें कोई कितना भी चढ़ा दे।
2022 में जिन पर मुकदमे लगे थे, अब तक न हटे।
पूरन ने रन बनाए और बिश्नोई एंड कंपनी ने रन बचा के मैच फंसा दिए।
कृणाल ने लाजवाब कप्तानी की और फील्डिंग में लखनऊ ने जान लगा दी ।
पर असली स्टार तो रिंकू सिंह ही है।
इतना आत्मविश्वास बहुत कम खिलाड़ियों में दिखता है।
रिंकू इस समय आईपीएल में रसेल से बड़ा हिटर है और अच्छा एंकर भी
कोहली खेल भी नहीं रहा था। आरसीबी अभी भी लखनऊ से पीछे है
केकेआर केवल वही दो आईपीएल खिताब जीत पाया है जो Lsg के मेंटर गौतम गम्भीर की कप्तानी में खेले।
और कोलकाता की पब्लिक हर बाल पर कोहली कोहली चिल्ला के बुली कर रही थीं।
अब अगर खीझ कर किसी ने जवाब दे दिया तो उसके पीछे पड़ जाओ।
ये रजिस्टर्ड चमन है।
भाई कौन भारतीय प्लेयर किसी भारतीय प्लेयर के अच्छा करने पर खुश नहीं होता ?
मतभेद तो कपिल गावस्कर, धोनी सहवाग गम्भीर में भी रहे।
ये अजीब टाइप चू @है रजत शर्मा
बीसीसीआई जैसे बोर्ड के प्रेसिडेंट बनने के बाद सौरव गांगुली को किसी आईपीएल टीम से नहीं जुड़ना चाहिए था। न ही बोर्ड अध्यक्ष रहते हुये किसी ऑनलाइन सट्टेबाजी गेम का विज्ञापन ही करना चाहिए था।
ये स्तर गिराने वाले काम हैं।
ये मेरा मत है, आपको असहमत होने का हक है।
कभी कभी आदमी ज्यादा बोल जाता है।जैसे कल संदीप चौधरी संगीत रागी से बोल गए कि मैं तुम्हारे जैसे टूटपुंजिया की बात सुनने नहीं बैठा यहां।
वाकई?
संदीप भाई नौकरी कर रहे हो! वो भी लाला की।
मालिक कहेगा तो गधों और सुअरों की बातें भी सुननी पड़ेंगी और सुन भी चुके होगे पैसों के लिये।
नौकर हो
एल्विश यादव के बिना कुछ किये ही उसके चरित्र हनन के लिये जितनी तत्परता से उसके विरोधी जुट गये हैं, वो ये दिखाता है कि ये सब वाकई सुअर हैं।और एलविश को खेल का ये नियम समझना चाहिये कि सुअर से कुश्ती लड़ने में समझदारी नहीं होती
तुम्हारे कपड़े खराब होंगे और वो आलरेडी कीचड़ में पड़ा है।
पेस भूपति की नहीं बनती, सायना सिंधु की नहीं बनती, पेस की टेनिस फेडरेशन से नहीं बनती।साइना की बैडमिंटन फेडरेशन से नहीं बनती मनिका बत्रा की फेडरेशन से लड़ाई, पर ये सब जंतर मंतर नहीं आते ।
ऐसे तमाशे सिर्फ चुनावी होते हैं ।
इन लोगों की छटपटाहट देख कर मजा आ रहा है।
अब इनके फिल्म न पसंद हो तो मत देखो वाले तर्क इनके अपान वायु द्वार में घुस चुके हैं और अपनी असलियत पर आना ही पड़ रहा है।
श्रीकांत शर्मा का युग तो स्वर्णयुग था, उसकी बात क्या करना।
ये अरविन्द शर्मा जब से बिजली मंत्री बने हैं, इतनी खराब व्यवस्था है जितनी खराब बिजली व्यवस्था मायावती और अखिलेश शासन में भी नहीं दिखी थी।
चित्र 1 - भारत के लिए सर्वाधिक टेस्ट विकेट।
चित्र 2 -बीसीसीआई के सबसे बड़े पद पर रहे। सबसे कठिन समय में भारत की कप्तानी की और टीम बनाई
चित्र 3 -दो बार विश्वकप फाइनल में सबसे ज्यादा रन, दो बार आईपीएल जीते कप्तान।
चित्र 4 - आरसीसीबी के पूर्व कप्तान , टीम इंडिया के भी पूर्व कप्तान
टाइमिंग का महत्व होता है साहू साहब टाइमिंग का।
अगर अभी भी हिंदू बचे हो एक बार समझो।
राम नाम सत्य है, सब मानते हैं।
लेकिन क्या अपने लड़के की शादी में राम नाम सत्य है बुलवाओगे स्टेज पर।
बात बुरी लगी हो तो बढ़िया।
इसीलिए कही भी है।
होली के दूसरे दिन हर तीसरे घर में मुर्गा या बकरा बनता है। लेकिन देखिए, आज उन्हीं लोगों की भावनाएं स्वीगी के पोस्टर में अंडा देखकर आहत हो गई है।
भावनाओं का आहत होना इस समय का सबसे बड़ा राजनीतिक टूल है। कुछ लोगों की रोटियां ही 'आहत गैंग' से चल रही।
एक ठीक ठाक पिच पर एक औसत आस्ट्रेलिया टीम के खिलाफ एक न्यूट्रल देश में पूरी ताकत से उतरी टीम इंडिया की टेस्ट टीम का ये हाल है।
फिर लोग हमारी उम्र वालों से पूछते हैं कि आप स्टीव मार्क वॉग वार्न मैकग्राथ पॉन्टिंग के खिलाफ खेलने वाली दादा और सचिन की टीम की इतनी तारीफ क्यों करते हो?
आसान नहीं है।
नए नए तरीके खोजने पड़ते हैं।
इनोवेशन करना पड़ता है।
स्क्रिप्ट बदलनी पड़ती है।
जगह बदलनी पड़ती है।
ऐसे शॉट मारने पड़ते हैं कि दुश्मन खत्म ही हो जाए।
नारंगी कपड़े पहनना आसान नहीं है।
दम दिखानी पड़ती है।
शिखर धवन को 2023 ipl के ऑरेंज कैप होल्डर बनने की बधाई।
ईशांत शर्मा साधारण से गेंदबाज दिखने के बाद भी 100 टेस्ट खेल ले गए। वजह?
वजह ये है कि ये बंदा कभी भी खुद को टीम का स्ट्राइक बॉलर नहीं माना, अपनी क्षमता जान कर खेला, टीम के कप्तान के हिसाब से खेला और हमेशा दूसरा छोर साधने की रन रोकने की कोशिश की। हीरो बनने की कोशिश नहीं की कभी।
कानपुर नगर की बिल्हौर तहसील के शिवराजपुर ब्लॉक के काकुपुर रब्बन गांव की कृतिका मिश्रा ने यूपीएससी में हिंदी मीडियम से टॉप किया है ।
उसको बधाई और आशीर्वाद।
रेलवे पर बोझ बहुत है।
जनरल डिब्बे ज्यादा लगाते नहीं।
कोहरे की वजह से ट्रेन बंद ।
और ये वही अश्विनी वैष्णव हैं जिन्होंने कोरोना के साल भर बाद भी एमएसटी बंद रखी थी, पैसेंजर ट्रेनें बंद रखी थीं और लोकल गाड़ियों में रिजर्वेशन को मजबूर कर दिया था।
थोड़ी जिम्मेदारी इनको भी लेने दो।
वेंकटेश प्रसाद ने आज के एल राहुल के चयन पर बीसीसीआई पर एक थ्रेड में सीधा निशाना साधा है।। उस थ्रेड का हिंदी अनुवाद मैं प्रस्तुत कर रहा हूं। क्योंकि लगभग 90 प्रतिशत भारतीय क्रिकेट प्रेमियों की यही सोच है, इसलिए प्रसाद की इस थ्रेड को हिंदी भाषा में अनुवाद कर फैलाना बनता है।
जारी -
आम्रपाली फ्रॉड केस में नाम जोड़े जाने, दो साल इनकी टीम के फिक्सिंग के कारण बैन होने के बावजूद,
ऑस्ट्रेलिया इंग्लैंड में लगातार 8 टेस्ट सीरीज हार, घर में इंग्लैंड से टेस्ट सीरीज हार के बावजूद,अपने अंतिम एकदिवसीय में टेस्ट पारी खेलने,डाइव न लगाने के बावजूद एमएस धोनी महान कप्तान हैं
जो आज मणिपुर में हो रहा है,वो कल या हद से हद परसों झारखंड छत्तीसगढ़ में भी होगा।
या तो गैरईसाई आदिवासी समुदायों को चावल वाले बनना होगा या उनके घर और मंदिर समाप्त कर दिए जाएंगे।ये चावल की बोरी असली जनजाति समूहों के सारे अधिकार खा जायेंगे।
सोनिया गांधी 1997 में राजनीति में आई थीं
युगावतार द्वारा प्रदत्त जिन कुछ चीजों से 90 प्रतिशत सवर्ण परिवारों का निकट भविष्य में सामना होने वाला है , एस सी एस टी एक्ट का जांच से पहले गिरफ्तारी वाला प्रावधान उनमें से एक है।
अपनी बारी का इंतजार करिये।
नाबालिग साक्षी को नाबालिग मोहम्मद साहिल ने दिल्ली की बीच सड़क पर दर्जनों आदमियों के सामने चाकू से गोद कर खत्म कर दिया।
हिंदू समाज अब सोशल मीडिया पर करुण क्रंदन करेगा और मुस्लिम समाज साहिल को जिंदा बचा ले जायेगा, सिलाई मशीन के साथ।
यही सत्य है।
अपनी लड़ाई खुद लड़नी पड़ेगी।
आगे+
आकाश चोपड़ा मामला हैंडल नहीं कर पाए तो अभी केवल हरभजन सिंह आया है के एल राहुल के समर्थन में। अभी और भी कई बड़े नाम राहुल के समर्थन में उतरेंगे । दो टेस्ट पहले के कप्तान और भविष्य के टेस्ट कप्तान राहुल को बीसीसीआई के सबसे रसूखदार शख्स का वरदहस्त प्राप्त है।
अफगानिस्तान पाकिस्तान नहीं है।
ये 2013 नहीं है।
आप 35 के सीनियर हैं 25 के जूनियर नहीं।
भारतीय क्रिकेट टीम का पूर्व कप्तान होना बड़ी चीज है,इसका सम्मान करो।
आप को थोड़ा ज्यादा संयमित दिखना चाहिये।
टाइगर वुड्सभी महान खिलाड़ी था,माइक टायसन भी।
रिटायर होते ही सब खत्म हो जाता है
मणिपुर में जो हो रहा है, वो अमृतपाल कांड के बाद होना ही था।
अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद एक ट्वीट लिख कर डिलीट कर दिया था कि किसी तटीय राज्य या म्यांमार की सीमा से किसी बड़ी खबर का इंतजार करें।
लगता है, वो ट्वीट डिलीट करके गलत किया।
खबर पक्की थी।
एक चमन बता रहा है कि धोनी की पॉपुलरिटी इस समय इतनी ज्यादा है जितनी सचिन की कभी नहीं रही।
और लोग उसे कोट ट्वीट करके,रिप्लाई करके भाव दे रहे हैं।
भाई हमने आपने सचिन का क्रेज देखा है, बताने की जरूरत है किसी को ?
1989 से 1999 तक भारतीय क्रिकेट टीम का मतलब 5ही सचिन होता था।
कंगना को थप्पड़ मारना ग़लत है
लोकतंत्र में चोट का माध्यम वोट है
लेकिन
अपनी नौकरी की परवाह किए बिना एक सांसद को थपड़याने के पीछे
उस CISF कर्मी की पीड़ा को
मन की टीस को
मां के अपमान के कड़वे घूंट को
700 किसानों की शहादत के घाव को
मोदी की तानाशाही को
नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता
अगर आपको भारत पाकिस्तान की दुश्मनी बहुत भयावह लगती है तो आपको बता दूं कि जापान के सैनिकों ने 1930 -40 के दशक में चीनी बच्चों के पैरों की हड्डियों से तंबाकू पीने वाले पाइप बनाये थे।
मौका है मौसम भी
और माहौल रिंकू सिंह ने कल रात बना ही दिया।
इसलिए सोचा एक छोटी सी थ्रेड इस साल के आईपीएल के उन खिलाड़ियों पर बना दी जाए जो लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
बात केवल आईपीएल तक ही रहे, ये कोशिश करूंगा पर गारंटी नहीं ले सकता।
थ्रेड
मैं यश दयाल के पूरी तरह साथ हूं।
लव जिहाद एक सच्चाई है और बिलकुल है।
अगर पोस्ट डिलीट भी कर दिया तो भी कोई बात नहीं।
यहां तो महामानव खालिस्तानियों के उत्पात के बाद किसान बिल वापस लेकर माफी मांग गये।
वो तो बच्चा ही है अभी।डर गया होगा।जो सरकार नूपुर का साथ न द��� पाई,
उसका क्या देती?
पर ही थे।
अगर गावस्कर बोल रहे हैं कि अपना ऑफ़ स्टंप देखो , तो उसे देखो।
अभी कोहली के 10 हजार रन भी नहीं बने औसत भी 50 का नहीं जबकि ओपनिंग नहीं मध्यक्रम में आते हैं कोहली।
टेस्ट आइकन गावस्कर हैं कोहली नहीं।
कम से कम अब तक तो।
जब विकेट न ले पाओ तो रन रोक दो।
ये कला इशांत में थी।
अश्विन में है।
और दोनों टीम में नहीं हैं।
कोहली अपनी कप्तानी में ये करता था, कोहली कप्तान नहीं है।
ये वाला टेस्ट मैच याद है?
मैं एक ऐसे आदमी को फॉलो करता हूं जिसके अनुसार ओजोन परत में छेद होने का,वैश्विक तापमान में वृद्धि का,दक्षिण ध्रुव में पंगुइन और उत्तर ध्रुव में पोलर बियर कम होते जाने का, रूस यूक्रेन युद्ध और इजरायल हमास युद्ध तक का बस एक ही कारण है।
राहुल कसवां को चुरू से भाजपा ने टिकट नहीं दिया
अपनी टीम की ओर से रनों की बरसात वाले पावरप्ले में पहले तीन में से दो ओवर फेंकने आसान नहीं होते।
अच्छे अच्छे बॉलर कुट जाते हैं।
अर्जुन तेंदुलकर ने पिछ्ले दो मैचों में किया और 17 और 14 ही रन दिए शुरू के दो ओवरों में।
2.5-0-18-1
दबाव मत बनाओ, मजाक मत उड़ाओ
लड़का आगे तक जा सकता है।
भाजपा के प्रत्याशी चयन में केंद्र का हस्तक्षेप
विपाक्षी नेता अखिलेश की ठीक ठाक छवि ।
अग्निवीर फैक्टर और सरकारी नौकरी वाला फैक्टर (सपा सरकार में भर्ती हुई थींभाजपा में पेपर लीक)।
भाजपा प्रत्याशियों का घमंड।
दलितों का वोट बसपा को जाना या न्यूट्रल रहना।
ग्राउंड के मुद्दे से बचना
भारत बिलकुल एक अलग तरह का देश है।
न तो ये तेल पर टिका है, न हथियारों की दलाली पर और न ही ड्रग्स पर।
पीने का पानी और उपजाऊ जमीन के साथ समुद्र भी हैं और दुर्गम पहाड़ और रेगिस्तान भी।
इसे कोई रघुराम राजन या भरत झुनझुनवाला नहीं समझ सकते।
मेरी नजर में दोनों ही बहुत घमंडी बेवकूफ हैं।
मजाकिया ट्रोलर्स की बात अलग है, खिलाड़ियों के फैंस की बात अलग है, खिलाड़ियों का पी आर चलाने वाले एजेंडा धारी तथाकथित पत्रकारों की बात अलग है
रजत शर्मा जैसा वरिष्ठ टीवी एंकर अगर भारतीय खिलाड़ियों की लड़ाई में सीधे गम्भीर को दोषी बताता है तो ये उसका प्रेश्या होना दिखाता है।
आलोचना बहुत हो गई।
हमारे टीम इंडिया के क्रिकेटरों की अच्छी चीजों की तारीफ भी होनी चाहिए।
कोहली इंस्टाग्राम स्टोरी अच्छी लगाता है।
शुभमन गिल हैंडसम है।
रोहित दिखाता है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैसे बेबाक बोला जाता है।
केवल क्रिकेट की ही बातें क्यों ले के बैठ जाते हो तुम लोग?
रवीश इतना रोता क्यों है?
आशुतोष लिखते ही क्यों हैं?
उर्मिलेश कहते ही क्यों हैं?
अनम अली गाती ही क्यों हैं?
ये सवाल इतने महत्वपूर��ण नहीं हैं जितना ये सवाल महत्वपूर्ण है कि राजीव शुक्ला पिछ्ले तीस सालों से बीसीसीआई में क्यों हैं और किस लिये हैं?
मलयालम फिल्में देख कर आपको एहसास होगा कि केरल में केवल ईसाई और मुस्लिम ही रहते हैं।
मैंने बहुत मलयालम फिल्में नहीं देखीं, पर अभी कोरोंना काल के बाद जितनी देखी, मुझे यही लगा कि केरल में हिंदू रहते ही नहीं।
जो लोग पृथ्वी शॉ की आइफा अवार्ड में अपनी गर्लफ्रेंड के साथ जाने को लेकर बकचोमड़ी कर रहे हैं, वो कृपया बताएं कि 36 आल आउट टेस्ट के बाद उसे कितने इंटरनेशनल चांस मिले?
उसे डोमेस्टिक में लगातार अच्छे प्रदर्शन के बाद भी इग्नोर किया गया।
आईपीएल में तो हैरी ब्रुक भी न चला।
खराब है?