हमले के फ़ौरन बाद ओवैसी का “गोडसे” का नाम लेना, हमलावर सचिन का का गिरफ़्तार होना और शुभम का खुद सरेंडर करना, हमला कर हथियार छोड़ देना और कट्टे पर कलावा बंधा होना, कहानी थोड़ी फ़िल्मी लग रही है, कहीं फिर हिंदू और हिंदुत्व को बदनाम करने की साज़िश तो नहीं,सचेत रहिएगा