Poet, Lyricist, Scriptwriter and a software waiting for the next update.
(ना मैडम की करी गुलामी, ना साहेब सलामी हो,
ना दीदी ना अम्मा, ना ही भैया का अनुगामी हो)
कुछ लोगों के पास अपनी सामूहिक पहचान के सिवाय कुछ नहीं होता है। ऐसे लोगों के लिए, इंसान की निजी पहचान एक ख़तरा है। इस कारण वो लोगों की स्वतंत्रता से ख़ौफ़ खाते हैं।
जब कोई अपनी एक अलग राह बनाता है, तो इन्हें डर लगता है कि इनकी राह न बना पाने की कमज़ोरी सामने आ जाएगी।
ये संत याद है? जो गंगा को बचाने के लिए उपवास पर बैठा था? वो 22 जून 2018 से 11 अक्टूबर 2018 तक 111 दिन उपवास पर बैठा था और प्रधानमंत्री ने उसकी बात नहीं सुनी और फिर उस संत की उपवास दौरान की मौत हो गयी थी।
तो आपको याद है या फिर आप अभी भूलने का नाटक कर रहे हैं?
इन बच्चों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के भविष्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजना चाहिए। दुनिया को तो भी पता चलना चाहिए कि विश्व के विश्व गुरु ने क्या बढ़िया भविष्य तैयार किया है।
एक ज़माना वो भी था, जब काँग्रेस के केंद्र सत्ता में रहते हुए, दूरदर्शन यानी सरकारी चैनल की न्यूज़ एंकर नलिनी सिंह, राज्य चुनावों में काँग्रेस की हार पर, राजेश पायलट पर तंज़ कसती हैं और वो कितनी विनम्रता से जवाब देते हैं।
क्या आज सत्ता इतनी विनम्र है?
आप मानसिक सेहत की बात कर रहे हैं? कभी स्वरा भास्कर का कमेंट सेक्शन देखा है? जावेद अख़्तर का? हुसैन हैदरी याद है? किसी गिरोह के द्वारा किसी को घेरकर, अपनी ताकत से सच को इस हद तक मरोड़ देना कि आदमी अपना सच भी न कह सके। बरखा दत्त? राणा अयूब? कितने नाम गिनाए जाएँ?
विराट कोहली को मैं सिर्फ़ इस कारण पसंद नहीं करता, कि वो एक बेहतरीन क्रिकेटर है। मैं उसे पसंद करता हूँ कि वो अकेला सितारा क्रिकेटर है, जिसकी रीढ़ अब भी बाकी है। जिस तरह वो बिना डरे शामी के साथ खड़ा हुआ, जिसके ख़िलाफ़ सत्ता और मीडिया की ताकतें ज़हर उगल रही थी।
#ViratKohli
𓃵
एक मुसलमान, अपने अपने ख़ुदा को खुश करने के लिए दिन में पाँच बार नमाज़ पढ़ता है।
एक न्यूज़ एंकर, अपने ख़ुदा को खुश करने के लिए, दिन में पचास बार मुसलमान-मुसलमान करता है।
अब बीजेपी के यूट्यूब वीडियो पर लाइक-डिसलाइक की संख्या भी नहीं दिखाई देगी। जिस पार्टी पर ��लेक्शन कमीशन, न्यायालय, न्यूज़ मीडिया जैसे विशालकाय संस्थानों को नियंत्रण करने का आरोप हो, उसे ऐसे छोटे-मोटे काम शोभा नहीं देते। ये ऐसा है, जैसे विजय माल्या, होटल से साबुन-शेम्पू चुराने लगे।
Nazi history par bani film dekh raha tha. Concentration camp me log bhare ja rahe the. Maa aur bachche force se alag kiye jaa rahe the.
Tabhi ek aurat ne Nazi officer ke munh par thook diya.
Mere ek dost ke munh se awaaz aayi.
"Tch... Tch... Ab kya farq reh gaya in dono me."
1999 में चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में हुए टेस्ट मैच में भारत के विरुद्ध जीत दर्ज करने के बाद भारतीय दर्शकों ने पाकिस्तान टीम को तालियों से नवाज़ा था। हमें यही हिंदुस्तान चाहिए। जिसका दिल बड़ा हो और जो खेल और युद्ध में अंतर समझता हो।
जय हिंद, जय मस्तिष्क
"अल्पसंख्यक"
मैं पाकिस्तान में सताया गया हिंदू हूँ
मैं हिंदुस्तान में दबाया गया मुस्लिम हूँ
मैं इज़रायल का मारा फ़िलिस्तीनी हूँ
मैं जर्मनी में कत्ल हुआ यहूदी हूँ
मैं इराक का जलाया हुआ कुवैती हूँ
मैं चीन द्वारा कुचला गया तिब्बती हूँ
आपने रामदेव का एक वीडियो देखा होगा, जिस में वो ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए दर-दर भटकने वालों का मज़ाक उड़ा रहे हैं। ये बालकृष्ण हैं, पतंजलि के सीईओ, 2019 की तस्वीर है। ऑक्सिजन सपोर्ट पर हैं। ये बात साबित करती है कि रामदेव जैसे लोग बाबा तो क्या व्यापारी भी नहीं हैं। ये लोग ठग हैं।
शम्शान भूमि की जिन तस्वीरों को खींचने के लिए हिन्दू कट्टरपंथी, दानिश सिद्दीकी की मौत का जश्न मना रहे हैं, उन्हें मैं कहना चाहता हूँ कि तुम अपने मालिकों के लिए हिन्दुओं की मौतों को दबाना चाहते थे। दानिश ने उन्हें और उनके परिवारों को न्याय की आशा दी।
दानिश सिद्दीकी अमर रहे ✊🏾
कुछ घिनौने लोग, एक लड़की की ना नहीं सुन पाते और उसके चेहरे पर तेज़ाब फेंकते हैं।
कुछ घिनौने लोग, एक लड़की को बोलता नहीं देख पाते और उसके चरित्र पर तेज़ाब फेंकते हैं।
कुछ घिनौने लोग एक लड़की को स्टैंड लेते नहीं देख पाते और उसके काम पर तेज़ाब फेंकते हैं।
आप कौनसे घिनौने हैं?
लाखों किसानों के प्रदर्शन करने पर जो सरकार एक ऐसे SDM पर कार्यवाही नहीं कर पा रही है, जिसने किसानों का सर फोड़ने का आदेश दिया था।
तो सोचिए! जब एक अकेला किसान, किसी अरबपति कंपनी से हुए विवाद पर, कृषि कानून के हिसाब से किसी SDM के फैसले पर निर्भर रहेगा। तो उसके साथ क्या होगा?
I’m yet to see an opposition leader from another country coming to India and painting a sorry image of his country. Why do you need to articulate that on foreign land unless you’re seeking some sorta support??? Fight your battles in your own country…allow the electorate to…
यहूदी : हम गौमांस खाते हैं
विराट नंदू : ओके सर
यहूदी : खतना भी करवाते हैं
विराट नंदू : ओके सर
यहूदी : स्कलकैप भी पहनते हैं
विंदू : ओके सर
यहूदी : मूर्तिपूजा को भी ग़लत मानते हैं
विराट नंदू : ओके सर
मुस्लिम : भाई ये तो हिपोक्रेसी है
विराट नंदू : चुप अधर्मी
Fuck it. Ab farq nahi padta. Bhaad me gaya career. Maine ab tak apni aatma nahi bechi hai. Jo bhi is gundagardi ka supporter hai yaa enabler hai, main uski aankhon me aankh daal ke kahunga.
YOU ARE THE REASON.
#JNUattack
#abvpviolenceinjnu
वो मुख्यमंत्री हैं, उन्हें अस्पताल के बेड के लिए किसी के सामने गिड़गिड़ाना नहीं पड़ेगा। उन्हें सब मिल जाएगा। आपका क्या होगा जनाब कॉमन सिटीजन? आप तो वो आम हैं, जिन्हें चूस कर और काट कर दोनों तरह से खाया जाएगा।
If we form Govt in Goa, we will arrange free pilgrimage to Ayodhya for Hindus and to Velankanni for Christians. For Muslims, we will provide a free trip to Ajmer Sharif and to Shirdi temple for those who revere Sai Baba: Delhi CM and AAP chief Arvind Kejriwal in Goa
वो राष्ट्रीय राजमार्ग जो सरकार ने किसानों को रोकने के लिए खोदा था, वो किस के पैसे का था? वो वॉटर कैनन और आँसू गैस गोले किस के पैसे के थे? उस पर गुस्सा नहीं आया और इस बात पे जुस्सा आ रहा है? #पापा_की_परी
सिख,
तब तक सिख है
जब तक वो उनका साथी है
वरना तो वो ख़ालिस्तानी है
ईसाई,
तब तक ईसाई है
जब तक वो उनका साथी है
वरना तो वो मिशनरी है, राइस बैग कन्वर्ट है
हिन्दू,
तब तक हिन्दू है
जब तक वो उनका साथी है
वरना तो वो धिम्मी है, वामपंथी है
मुस्लिम,
तब तक मुस्लिम है
जब तक
वो चाहें
विराट हिन्दू बता रहे हैं कि अब वो हर दिन नमाज़ के सम�� हनुमान चालीसा पढ़ेंगे।
यानी कि विराट हिन्दू की भी अब ऐसी आस्था है कि ईश्वर को याद करने के लिए इस्लामिक टाइम टेबल ही सबसे उपयुक्त है।
वाह! कितनी खूबसूरत बात है।
ख़ैर मनाओ कि नेहरू थोड़े नर्म मिज़ाज थे, अगर पटेल या बोस पहले चुनाव तक जीवित होते (#इतिहास) और प्रधानमंत्री बनते, तो धर्म के ठेकेदारों को पटक-पटक के मारते। मतलब पटेल तो तुम पर बैन ही लगाते लेकिन बोस तो जड़ से ख़त्म ही कर डालते। फिर तुम नेहरू को याद कर के पटेल या बोस को गाली देते।
एक आतंकवादी वो हैं, जिनके आतंक को कैमरे में कैद करते हुए दानिश सिद्दीकी ने अपनी जान दे दी।
दूसरे आतंकवादी वो हैं, जिनके मालिक का आतंक दिखाने के कारण, वो दानिश की मौत का जश्न मना रहे हैं।
दोनों देशों के आतंकवादी समूह, आज बहुत खुश हैं और दोनों देशों के मनुष्य शोक में हैं।
अब इस देश में प्रोटेस्ट करना, बलात्कार से भी ख़तरनाक़ माना जाता है। सरकार के ख़िलाफ़ बोलना और लिखना भी बलात्कार से भी ख़तरनाक़ माना जाता है। इस कारण उनको ज़मानत नहीं मिलती लेकिन एक हत्यारे बलात्कारी को ज़मानत मिल जाती है। गुंडाराज को रामराज्य कह के राम पर कीचड़ उछाला जा रहा है।
वो हिन्दू ही किसी हिन्दू का सबसे पहला और सबसे बड़ा दुश्मन है, जो उसके मन में घ��णा और वैमनस्य भरने का काम करता है। उसे मूर्ख बनाता है। जो अपने निजी लाभ के लिए उसे झूठ के मार्ग पर ले जाता है।
दलाल A के पास 1 करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड है, जो उसने SBI से खरीदा है। ये 1 करोड़ का बॉन्ड, किसी सरकारी कागज़ की तरह होता है। जिसे कहीं भी ले जाना, 1 करोड़ कैश ले जाने से ज़्यादा सुविधाजनक है। इस बॉन्ड की वैधता 15 दिन तक की होती है। अब इस 15 दिन में दलाल A इस बॉन्ड को किसी भी…
"जो हिन्दू हित की बात करेगा वही देश पर राज करेगा।" ये नारा लगाने वालों के राज में करोड़ों हिन्दू बेरोज़गार हो गए। करोड़ों ग़रीबी रेखा के नीचे चले गए। लाखों हिन्दू स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में मारे गए और करोड़ों कर्ज़ में डूब गए।
तो क्या हिन्दू हित की केवल बात ही होनी थी?
लो! आ गया एक और जाँघ ठोकने वाला। इन दोनों को एक कमरा दे दो। ये आपस में देख लेंगे। उसने अपने आप को 15 करोड़ का लीडर मान लिया है और ये ख़ुद को 100 करोड़ के नेता मान बैठे हैं। दो चिंटू मिल के चक्रवर्ती बनने का स्वप्न देख रहे हैं। सीधी सी बात है कि "गदहों की जंग है और मनुष्य तंग है"
वारिस पठान 100 करोड़ हिन्दुओ को चुनौती दे रहा है, मैं
@warispathan
को चुनौती देता हूं 1 ऑन 1 करलो एक सिख से । बताओ कहा, कब, किस समय मिलना है, चुनौती स्वीकार है तो बताओ नही तो कह तो तुम नपुंसक हो ।
बॉस! घर में जब मेहमान आते हैं तो कोशिश यही होती है कि घर को साफ सुथरा कर दिया जाये..मेहमान के पसंद के पकवान बनें..कहीं कोई प्लास्टर उखडा है या दीवार में सीलन है तो वहां पेंटिंग से छुपा दिया जाता है..फर्श में गड्डा है तो कालीन डाल छुपा देते हैं..ये तो बहुत सामान्य सी प्रक्रिया है।
ये अच्छी बात है कि सुप्रीम कोर्ट का एक जज व्यक्तिगत स्वतंत्रता को सबसे ऊपर रखता है। समस्या ये है कि ऐसी ही किसी दिक्कत में फँसने पर, उस कोर्ट और उस जज तक पहुँचने की ये सुविधा देश के 99.99% लोगों को उपलब्ध नहीं है।
जो न्याय सब को उपलब्ध न हो, वो न्याय कैसे हो सकता है?
जिस तरह किसी हिन्दू के लिए हिन्दू अतिवादियों से बड़ा दुश्मन कोई नहीं। ठीक वैसे ही मुस्लिमों के लिए ऐसे मुस्लिम अतिवादियों से बड़ा दुश्मन कोई नहीं है। ऐसे लोग घुन की तरह होते हैं। जो पूरे समाज को भीतर से खोखला कर देते हैं।
वैसे तो राहुल गाँधी ने ये सोचकर ये तस्वीर नहीं लगायी। फिर भी इन नये-नये कुपढ़ों को मैं युजर्वेद की एक बात बताता हूँ।
"There is no image of him. He is unborned and He should be worshipped" (Yajurveda, Chapter 32, Verse 3)
अब मुझे डर है कि ये वेदों को भी हिन्दू विरोधी न बता दें।
जब मैंने देखा कि रेट माइनर्स ने किस पतले से पाइप में घुसकर सुरंग खोदी है, तो उसे देखकर ही मेरी साँस फूलने लगी। उस एक पतली सी सुरंग में अपनी जान जोखिम में डालकर मजदूरों को निकलना, बहुत ही ज़्यादा जोखिम का काम था।
मुन्ना कुरैशी, वकील, हसन और उनकी टीम के सदस्य फ़िरोज़, देवेंद्र,…
एक हिंदुस्तानी, आख़िर तक अपनी देशभक्ति साबित करता रहे लेकिन उस पर आख़िर तक शक किया जाएगा। एक पाकिस्तानी, बस सरकार की तारीफ़ करने लग जाए, तो उसे पद्म श्री दे दिया जाएगा।
दरअसल सरकार को हमारी भारतीयता का नहीं, सरकार भक्ति का प्रमाण पत्र चाहिए।
जब
@_sayema
ने अपने देश भारत की जीत खुशी मनाते हुये देशवासियों से कहा कि हम मैच जीत गये। तो इस पर किसी गैर-भारतीय को बुरा लग और उसने कहा कि मैच इंडिया जीता है, हम लोग नहीं।
कितने दुःख की बात है कि ये पाकिस्तानी लोग हमें जीत पर खुश भी नहीं देख सकते।
ये लोग मुस्लिमों को अब्दुल कलाम से कम नहीं देखना चाहते और हिन्दू इन्हें कोई भी चलेगा?
हिन्दुओं के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यूँ? हमारा भी कोई स्टैंडर्ड है। मैं तो कहता हूँ कि हमें ये स्टैंडर्ड और उठाना चाहिए।
हमें भी गाँधी से कम, किसी भी हिन्दू का सम्मान नहीं करना चाहिए।
ये हिन्दी फ़िल्म उद्योग के लोगों के लिए शर्म में डूब के मर जाने वाली बात है कि कोई दो कौड़ी का इंसान, उसकी इतनी बड़ी कलाकार से इस कदर बदसलूकी कर रहा है और लगभग सब लोग चुप हैं। इस बात को दीपिका याद न रखें न रखें, हम याद रखेंगे।
नरेंद्र विक्रमादित्य यादव AKA जॉन कैम
ये आदमी अपनी भारतीयता से इतना शर्मिंदा है कि ना सिर्फ़ उसने अपना नाम बदल लिया बल्कि बाल रंगकर एक विदेशी जॉन कैम बन का गेटअप भी ले लिया। उसकी राय को शिरोधार्य किया जा रहा है।
नरेंद्र की पूरी असलियत जानने के लिए नीचे का थ्रेड पढ़ें।
ग़ज़ब डिमांड है यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की।
माँग उठी है कि फ़्रांस में दंगे को क़ाबू में करने के लिए भारत को चाहिए कि योगी आदित्यनाथ को भेज दे। 24 घंटे में दंगा कंट्रोल हो जाएगा।
माँग उठाई है एक मशहूर हस्ती ने।
University of London से जुड़े प्रोफेसर, कार्डियोलॉजी की…
नमस्ते
@brajeshlive
जी! रात के डेढ़ बजे ट्वीट कर रहा हूँ। पता नहीं आप तक पहुँचेगा या नहीं। आप बढ़िया ही नहीं, बहुत ज़रूरी काम कर रहे हैं।
आप दिल्ली-मुंबई में बैठे लोगों को क्षेत्रीय पत्रकारिता की ताकत याद दिलाते रहिएगा। ज़रूरी सवाल पूछ्ते-पूछते थकिएगा नहीं, सत्ता को थका दीजिएगा।
सुधीर चौधरी को देख के मुझे 90's की फ़िल्मों के अमीर बिगड़ैल लड़के (मोंटी, विकी) की याद आती है। जो ग़रीब हीरो पर हँसता है और हीरोइन उसकी फ़ैमिली फ़्रेंड है।
जिस के सर के भीतर केवल ईगो है लेकिन सर के ऊपर मस्त हेयरस्टाइल है। रंग भी गोरा है। उसके दोस्त उसके और वो किसी और का चमचा है।
इस दंगे में अब तक 42 लोगों की हत्याएँ हुई लेकिन ख़बरों में बात सिर्फ़ एक मौत की हो रही है। उन सब की हत्याएँ नृशंस और बर्बर तरीकों से नहीं हुई? किस की हत्या, किस की हत्या से ज़्यादा बड़ी है?
मैं इन लोगों को गिद्ध समझता था लेकिन गिद्ध भी लाशों में फ़र्क नहीं करते। ये घिनौने हैं।
इन्होंने क्लिप एडिट कर के उसका मतलब बदल दिया। ये तो ख़ैर इन के रोज़ की बात है। मुख्य बात तो ये है कि ये अपने दर्शकों को किस दर्जे का मूर्ख समझते हैं और समझते क्या हैं, इनके दर्शक हैं भी उसी दर्जे के मूर्ख। ये इस तरह अपनी जेब भरते हैं और इनका दर्शक अपनी घृणा को पोस लेता है।
दिल अगर न दुखे तो फिर कहाँ पता चलता है कि सीने में है भी की नहीं। कभी-कभी ये सच भी आँखों के सामने से गुज़रना चाहिए, कानों से टकराना चाहिए। ये बच्चा इस देश की सरहद के बाहर का बच्चा है लेकिन इस वक्त इस से ज़्यादा कोई मेरे दिल के क़रीब नहीं है। 💔
आजकल गिद्ध एयर कंडीशनर कमरों में बैठकर युद्ध का आव्हान करते हैं। फिर वो लाशों के बिछने का इंतज़ार करते हैं। तभी तो उन्हें महाभोज नसीब होता है। गरीब हिन्दू और मुस्लिम तो इन गिद्धों के लिए भोजन हैं।
आगे से कोई बगुला भगत बोले कि अपनी उन समस्याओं में प्रधानमंत्री को क्यूँ टैग करते हो, जो वो स्वयं आ कर ठीक नहीं कर सकते। तो उन्हें ये ट्वीट दिखा दीजिएगा। 🙏🏾 सादर वंदे।
हरियाणा के पानीपत में रहने वाले अख़लाक़ के हाथ आरा मशीन से काट दिए गए क्यूँकि उसके हाथ पर 786 लिखा था।
ये ख़बर न आप तक पहुँची और न आप इस ख़बर तक पहुँच पाए। ये बस एक संकेत है कि ये देश कहाँ तक पहुँच चुका है।