HEMANT PRATAP SINGH
4 months
नदी से-पानी नहीं,रेत चाहिए
पहाड़ से-औषधि नहीं,पत्थर चाहिए
पेड़ से-छाया नहीं,लकड़ी चाहिए
खेत से-अन्न नहीं,नकद फसल चाहिए
अब भटक रहे हैं.
सूखे कुओं में झाँकते,रीती नदियाँ ताकते,
झाड़ियां खोजते लू के थपेड़ों में,
बिना छाया के ही हो जाती सुबह से शाम.
और गली-गली ढूंढ़ रहे है आक्सीजन