मानवता से बड़ा कोई धर्म नही है!
जो मानव धर्म नही निभा पाया वो मजहावी धर्म क्या खाक निभायगा।
अगर आपके अंदर मानवता है तो मेरा क्या पूरे कायनात में किसी के भी दुश्मन नही हो और मानवता के बगैर किसी का भी दोस्त नही हो तथा ना ही अल्लाह,ईश्वर व गॉड के प्यारे हो!
केवल और केवल धंधेवाज हो
@SushilModi
पीएम से सवाल करो तो नेहरू जी को ले आते है,बिहार सरकार से कोई सवाल करो तो लालू जी को ले आते हैं!बुद्धिजीवियों और लोकतंत्र के प्रहरी पत्रकारों क्या ये जबाव सही है?अगर ये सही नही है तो आवाज उठाइए अपने लिए न सही अपने आनेवाली पीढ़ी के लिए ही सही,ताकि अगला पीढ़ी गूंगा व बहरा पैदा न हो?