तस्वीर कानपुर के लाचार कृष्ण गोपाल दीक्षित की है जिनकी बेटी और पत्नी ने अपनी झोपड़ी बचाने के लिये ख़ुद को ज़िंदा जला लिया।
क्या अमृतकाल एैसा होता है ?
बुलडोज़र तंत्र देश के लोकतंत्र और सं��िधान को कुचल रहा है, बुलडोज़र का जश्न मनाने वालों के मुँह पर तमाचा है.😢