@arungovil12
फुर्सत कहाँ है अब किसी को किसी के लिए
अब अकेले ही जीना सिखना होगा
कहने को रिश्ते हैं रिश्तेदार भी हैं
मगर फिर भी जाने क्यों सब अकेले अकेले ही हैं
साथ रहते हैं मगर साथ नहीं बात होती है मगर
अब वो बात नहीं
खामोशी गुंजती है चारदीवारी में
कुछ यूँ अकेले हैं सब खुद में ही गुम