@seemabadiyasar
गलत तो तब होती साहिबा जब इसे जबरदस्ती किया जाता कि घूंघट में ही रहो और मारवाड़ी महिलाओं को तो शौक है इस चीज का और ये अनिवार्य नही है इसलिए ये गलत भी नही है
@seemabadiyasar
जी आपकी बात सही है आप इसे जरूर पढ़ना
राजस्थानी ओ की संस्कृति और समाज पूर्णता कसौटी पर कसे हुए हैं जो हमारी पहचान करें।
घुंघट प्रथा होनी ही चाहिए क्योंकि
किसी गंदे व्यक्ति की काम इच्छा पूर्ण नजर किसी पराई औरत पर ना पड सके।
व्यक्ति का चेहरा ही संपूर्ण व्यक्तित्व को परिभाषित करता है