देश जब चरित्रवान देशभक्त और जिम्मेदार विद्वानों के हाथों में था.देश तेजी से हर क्षेत्र में तरक्की की नई बूलदिया छु रहा था
आज बेईमान झूंठे संघियों के समय सारी तरक्की और देश का अमन चैन बिखर गया है.हर क्षेत्र में अफरा तफरी का माहौल है,विशेषकर देश की अर्थव्यवस्था की चिंताजनक खस्ताहाल