यह मोदी सरकार द्वारा दिया गया बहुत बड़ा और कड़ा संदेश है।
विश्व को और देश के झट्टर कट्टर मूल निवासियों को....
भारत पिछले 74 साल से एक कीड़े से पीड़ित था, जिसका नाम था,
"संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह।"
अब इसे मोदी सरकार ने खत्म कर दिया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर जी ने👇
इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
केवल 30 मिनट में इस पूरी समिति को अगले दस
दिनों के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दे दिया गया!
संयुक्त राष्ट्र की एक समिति संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह को भारत ने भारत से बाहर का रास्ता दिखा दिया है!
यह कमेटी 1948 से भारत में काम कर रही
थी और कश्मीर मसले पर भारत और पाकिस्तान के रवैए खासकर खुद भारत के रवैए पर पैनी नजर रख रही थी! काम करने, घूमने, रहने, खाने-पीने, उठने-बैठने का सारा खर्च भारत उठा रहा था!
इस कमेटी ने भारत के खिलाफ काफी कड़े बयान दिए थे। उन्होंने कश्मीर को द्विपक्षीय मामला न बनाकर त्रिपक्षीय घोषित
करने की कोशिश की और साथ ही भारत पर गंभीर आरोप लगाए जैसे "भारत हमारे, और पाकिस्तान के बीच संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह के काम में बाधा डाल रहा है ताकि समिति ठीक से काम न कर सके
"समिति यहीं नहीं रुकी.उन्होंने आगे कहा
"वह राशि जो भारत हमें देता है हमारे खर्चों को कवर नहीं
करता है।
इसलिए भारत को हमारे भत्ते और खर्च बढ़ाने होंगे और भारत को इसका भुगतान करना होगा!"
ऐसा हुआ कि जिस कुत्ते को हमने पाल रखा था, वह हमारा खा रहा था और हम पर ही भौंक रहा था और तो अब काटने भी लगा था।
इस पर भारत सरकार ने उनसे इतना ही कहा: "तुम्हारे नाटक से हमने बहुत कुछ सहा है
अब तुम यहाँ से फौरन चले जाओ।
तुम्हारे लिए भारत में कोई जगह नहीं बची है!"
केवल 30 मिनट में मोदी सरकार ने उनका वीजा रद्द कर दिया और उन्हें भारत छोड़कर तुरंत अपने देश जाने के लिए कहा.
अगले 10 दिनों के भीतर! पिछले 74 वर्षों से भारत इनमें से 40 से अधिक लोगों का खर्च वहन कर रहा था
जिन्हें अब निर्वासित कर दिया गया है!
74 साल पहले नेहरू इन्हें भारत मे लाया था।
आज का नया वीडियो हमारे यूट्यूब चैनल धर्म ज्ञान पर अवश्य देखें और चैनल से जुड़े
#तनाव
@PRPathak2
मोदीजी ने दो दिन पहले कहा था न "भारत UNSC का अस्थाई सदस्य हैं .... जब दुनिया के सबसे बङे लोकतंत्र और सबसे बङी आबादी को ही स्थाही सदस्यता नहीं है तो फिर इस संगठन की प्रासंगिकता ही क्या रह गई हैं "
निष्कर्ष- अब घी अंगुली से नहीं बांस से निकालने वाला भारत हैं
@PRPathak2
यह संगठन भारत में था और इसने कभी भी यूएन की शर्तों के मुताबिक पहला नियमानुसार पीओके पर पाकिस्तान द्वारा जबरदस्ती किया हुआ कब्जा हटाने के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की