पंजाब के 19 वर्षीय अमृतपाल सिंह अग्निवीर के तौर पर सेना में भर्ती हुए।
कश्मीर में 10 अक्टूबर को गोली लगने से वे शहीद हो गए।
यहाँ उनकी बहनें कंधा दे रही हैं। इनके लिए ना सैन्य सम्मान ना आर्मी की कोई यूनिट।
वो शहीद हैं - पर ये अग्निवीर योजना की असलियत
मोदी सरकार मुर्दाबाद
@KisanSabha
सच न बोलने की क़सम दिलवाई हुई हे क्या ISI वालों ने।
इस अग्निवीर ने आत्महत्या की थी अपनी बन्दुक से। सेना के नियम अनुसार लड़ाई में मरने वालों का इस्तकबाल किया जाता हे न की आत्महत्या करने वालों का.
दुःख सब को हे.