@KadarKhalifa1
@saif_khan124
ऐसी पर्सनल टिपणी का कोई भी औचित्य नहीं होता है, मैं इधर अपना भाव चढ़ाने नहीं आ रही हूं, बाजार में बैठना होगा वोह तो मैं खुद तय करुंगी न तुम्हारी गांड में मिर्ची किस लिए लगी है,तुम मुस्ले लोग कानून को समझे बिना ही जातिगत अटैक करते हो और अगर सामने वाली करती है तो फिर नबी की दुहाई
@saif_khan124
हां ,सही कहा,शाहरुख का केस अभी शुरुआती दौर में है और वोह 2002 का केस है जो कि अपनी अंतिम सांसे ले रहा है और उनकी रिहाई कानून के तहत ही हुई है और कोई भी उन 11 दोषियों के समर्थन में कभी नहीं था पर तुम मुस्लों को शायद कानून की समझ कम है जो कि हांडी में उबाल लाना जारी रखते हो